Stock markets: भारतीय शेयर बाजारों में लगातार गिरावट जारी है इसी बीच सोमवार को जबरदस्त खबर आई है. बाजार में लंबे समय के गिरावट के बावजूद रिकवरी का कोई संकेत नही दिख रहा है. लेकिन विदेशी ब्रोकरेज फर्म की ओर से बुलिश संकेत मिल रही है. Citi का मानना है कि भारत की वैल्यूएशन अब कम आकर्षक नहीं है और यह अन्य ग्लोबल बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है. इसलिए ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Citi ने भारत को “न्यूट्रल” से अपग्रेड कर “ओवरवेट” कर दिया है.
Citi के अनुसार, अमेरिका ने अन्य देशों पर लगाए टैरिफ के कारण बाजारों में अनिश्चितता बनी हुई है. ऐसे में भारत को एक मजबूत और स्थिर निवेश का बाजार माना जा रहा है. इस कारण अन्य एशियाई बाजारों (चीन को छोड़कर) को “न्यूट्रल” से अपग्रेड कर “अंडरवेट” कर दिया गया है.
2025 GDP ग्रोथ अनुमान
Citi ने 2025 के अंत तक भारत की रियल GDP ग्रोथ 6.5% तक पहुंचने का अनुमान लगाया है, जो निफ्टी के मौजूदा स्तर से लगभग 14% के साथ 26000 तक पहुंचने की उम्मीद जताई गई है
बजट और ब्याज दरों का समर्थन
हाल ही मे केंद्रीय बजट से उपभोक्ता मांग को मजबूती मिलेगी, जिससे बाजार को सपोर्ट मिलेगा. आने वाले समय में 50 बेसिस पॉइंट (bps) की दर से ret cut की उम्मीद जताई गई है, जिससे बाजार को अतिरिक्त मजबूती मिलेगी. भारत का फॉरवर्ड प्राइस-टू-अर्निंग रेशियों (PE) 19x पर ट्रेड कर रहा है, जो कि पिछले पांच सालों के औसत के करीब है.
Citi किन सेक्टरों पर है बुलिश और बियरिश?
ब्रोकरेज का कहना है कि बैंकिंग, इंश्योरेंस, फार्मा और टेलीकॉम सेक्टर पर ओवरवेट नजरिया है. इन सेक्टरों पर तेजी देखने को मिल सकती हैं. और वहीं कुछ सेक्टर ऐसे है जिसमें गिरावट बताया गया है जिसमें कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी , आईटी सेक्टर, मेटल सेक्टर, और लक्जरी, गैर-आवश्यक उपभोक्ता वस्तुएं शामिल है. इसमें गिरावट की मुख्य वजह टैरिफ बताई जा रही हैं.
Citi का मानना है कि भारत आने वाले सालों मे मजबूत इकानॉमिक ग्रोथ, सरकारी नीतियों के समर्थन, और ब्याज दरों में संभावित कटौती के कारण वैश्विक बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेगा. 2025 तक निफ्टी के 26000 तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है, बैंकिंग और इंश्योरेंस जैसे सेक्टर में निवेश करने का बेहतर मौका हो सकता है.
Citi का मानना है कि भारत एक मजबूत विकासशील देश है जिसमें लंबे समय के लिए निवेश करना काफी फायदेमंद हो सकता है .